Amroha Car Accident News: NH-9 पर खड़े Truck में घुसी कार, VIMS के चार MBBS Students की दर्दनाक मौत

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अमरोहा कार हादसा : NH-9 पर खड़े ट्रक में घुसी कार, VIMS के चार MBBS छात्रों की दर्दनाक मौत

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में हाल ही में एक भीषण सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग-9 (NH-9) पर हुआ, जिसमें श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय (VIMS) के चार MBBS छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना न केवल चार परिवारों के सपनों को चूर-चूर कर गई, बल्कि सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

हादसे की पूरी कहानी

घटना अमरोहा के रजपुर थाना क्षेत्र के अतरासी के पास रात करीब 10 बजे हुई। मृतक छात्र मेरठ से गाजियाबाद की ओर जा रहे थे। रास्ते में NH-9 पर एक डीसीएम ट्रक बिना किसी संकेत और चेतावनी के सड़क किनारे अंधेरे में खड़ा था। छात्रों की कार तेज रफ्तार में थी और अचानक ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का ढांचा पूरी तरह से टूट गया और उसमें बैठे चारों छात्रों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार की हालत देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। लोहे का ढांचा मानो कागज की तरह बिखर गया था, और हर तरफ बिखरे टुकड़े चीख-चीख कर हादसे की भयावहता बयान कर रहे थे।

मृतकों की पहचान और पृष्ठभूमि

हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों की पहचान अपर्णव चक्रवर्ती, आयुष शर्मा, श्रेष्ठ पंचौली और सप्तरशी दास के रूप में की गई है। सभी छात्र श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, गजरौला में MBBS की पढ़ाई कर रहे थे और इसी वर्ष इंटर्नशिप कर रहे थे। बताया जा रहा है कि चारों आपस में अच्छे दोस्त थे और देर रात कार से घूमने निकले थे। दुर्घटना के बाद श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर राजीव त्यागी भी मौके पर पहुंचे और शोक व्यक्त किया।

हादसे के कारण और पुलिस जांच

पुलिस जांच में सामने आया कि कार के अंदर शराब की बोतलें और खाने-पीने के पैकेट मिले हैं। शुरुआती जांच और तेज रफ्तार को देखते हुए पुलिस को आशंका है कि हादसे के समय युवकों ने शराब का सेवन किया हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही हो सकेगी। पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इसी बीच, ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। यह भी पाया गया कि ट्रक अंधेरे में खड़ा था, जिससे कार चालक को समय रहते ट्रक दिखाई नहीं दिया और हादसा हो गया। ऐसे हादसे पहले भी NH-9 पर हो चुके हैं, जब सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों के कारण दुर्घटनाएं हुई हैं। पुलिस द्वारा ट्रक चालकों पर कार्रवाई किए जाने के बावजूद, सड़क पर लापरवाही से खड़े वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

प्रशासनिक लापरवाही और सड़क सुरक्षा

यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही की ओर भी इशारा करता है। भारतीय सड़कों पर अक्सर भारी वाहन बिना संकेत के खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे ऐसे हादसे होते रहते हैं। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे वाहनों की निगरानी करें और सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करवाएं। साथ ही, वाहन चालकों को भी सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर रात के समय और हाईवे पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते वक्त।

परिवारों का शोक और समाज की प्रतिक्रिया

चार युवा डॉक्टरों की असमय मौत ने उनके परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। विश्वविद्यालय और मेडिकल समुदाय में भी शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग सड़क सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं।

निष्कर्ष

अमरोहा NH-9 हादसा एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को नजरअंदाज करने की कीमत कितनी भारी हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह सड़क किनारे खड़े वाहनों की नियमित जांच करे, ट्रैफिक नियमों का पालन करवाए और जनता को जागरूक करे। साथ ही, युवाओं को भी जिम्मेदारी से वाहन चलाने की सलाह दी जाती है ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।

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