अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन में इजराइल के हमले की कड़ी निंदा, निर्णायक कार्रवाई की मांग

दोहा पर इजराइल के हमले के बाद अरब और इस्लामी देशों ने आपातकालीन शिखर सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने इजराइल की आक्रामकता को संयुक्त राष्ट्र, OIC और अरब लीग की संप्रभुता का उल्लंघन बताया। वक्ताओं ने कहा कि यह हमला न सिर्फ क़तर की जमीन पर, बल्कि शांति प्रक्रिया और मध्यस्थता के सिद्धांतों पर भी हमला है।

सम्मेलन में जोर दिया गया कि इजराइल अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवीय मूल्यों की खुलेआम अनदेखी कर रहा है। खास तौर पर उस वक्त जब दोहा में हमास और इजराइल के बीच युद्धविराम और बंदियों की रिहाई के लिए वार्ता चल रही थी। इस हमले में एक सुरक्षा अधिकारी की मौत और कई नागरिक घायल हुए।

अरब नेताओं ने कहा कि इजराइल की यह कार्रवाई क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी व दोहरे मापदंडों ने इजराइल को और बढ़ावा दिया है। सभी ने अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए कानूनी और कूटनीतिक उपाय अपनाने का संकल्प लिया।

सम्मेलन में मांग की गई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब दोहरा मापदंड छोड़कर इजराइल को उसके अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराए। साथ ही फिलिस्तीनी जनता को उनके अधिकार दिलाने और स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए निर्णायक कदम उठाए जाएं। अंत में क़तर, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से युद्ध समाप्त करने के लिए प्रयास तेज करने की बात कही गई।