इजराइल-क़तर संघर्ष पर मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया: एकजुटता की पुकार

9 सितंबर 2025 को इजराइल के क़तर पर हवाई हमले के बाद मुस्लिम दुनिया में गुस्सा है। इसी के चलते दोहा में मुस्लिम देशों की आपातकालीन शिखर बैठक बुलाई गई है, जिसमें इजराइल के खिलाफ साझा रणनीति बनाने पर चर्चा हो रही है। ईरान के पूर्व आईआरजीसी कमांडर मोहसीन रिजाई ने मुस्लिम देशों से संयुक्त सैन्य मोर्चा बनाने की अपील की है, ताकि इजराइल की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला किया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि इजराइल का अगला निशाना तुर्की, इराक और सऊदी अरब हो सकता है।

इस बीच ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव अली लारीजानी ने ओआईसी देशों को एक संयुक्त ऑपरेशंस रूम बनाने का सुझाव दिया है। मिस्र ने भी अरब नेटो जैसे सैन्य गठबंधन की बात कही है। क़तर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह सम्मेलन इजराइल की आक्रामकता के खिलाफ अरब और इस्लामिक एकजुटता को दिखाएगा।

इजराइल-ईरान संघर्ष के दौरान वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस समेत कई इजराइली संस्थानों को भारी नुकसान हुआ है। ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों से इजराइल के वैज्ञानिक, नागरिक और बुनियादी ढांचे पर गंभीर असर पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस युद्ध में इजराइल को 12 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।

ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई ने बार-बार अरब देशों को चेताया है कि अगर वे एकजुट नहीं हुए तो इजराइल उनके दरवाजे तक पहुंच जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि मुस्लिम देशों की खामोशी इजराइल के हौसले को बढ़ा रही है। अब देखना होगा कि ओआईसी की बैठक में इजराइल के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।