जिस लड़की से || शादी का सपना रह गया अधूरा कई सालों बाद वह मंदिर में मिली || और फिर |
“करोड़पति रोहन और विधवा प्रिया का सच्चा प्यार”
मुंबई के एक करोड़पति लड़के रोहन की एक बड़ी डील फाइनल हो जाती है। अगले दिन जब वह अपनी कंपनी जा रहा था, रास्ते में उसे एक मंदिर की याद आती है। वह ड्राइवर से कहता है, “गाड़ी मंदिर पर लगा दो, थोड़ा पूजा कर लेता हूं।” ड्राइवर गाड़ी रोकता है, रोहन उतरकर मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ने लगता है। उसी वक्त मंदिर से एक विधवा महिला पूजा करके उतर रही थी।
जैसे ही रोहन और उस विधवा महिला की नजरें मिलती हैं, दोनों की आंखों से आंसू टपकने लगते हैं। आखिर कौन थी वह विधवा महिला? क्यों दोनों की आंखें भर आईं? आइए, जानिए पूरी सच्चाई।
रोहन का बचपन और संघर्ष
रोहन मुंबई की एक गरीब बस्ती में अपने माता-पिता के साथ रहता था। उसके पिता छोटी-मोटी मजदूरी करते थे, परिवार का गुजर-बसर मुश्किल से चलता था। लेकिन रोहन पढ़ने-लिखने में बहुत होशियार था। उसने अच्छे नंबरों से स्कूल पास किया और एक प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन मिल गया। कॉलेज अमीरों का था, लेकिन रोहन के नंबर अच्छे थे, इसलिए उसे फीस में छूट भी मिली।
कॉलेज में रोहन सादा कपड़ों में जाता, बड़ा ही सरल स्वभाव का था। वहां उसकी मुलाकात प्रिया से हुई – अमीर परिवार की लड़की, लेकिन दिल से बहुत नेक। प्रिया के पिता पैसे वाले थे, मगर प्रिया को अमीरी का घमंड नहीं था। वह सबको दया दृष्टि से देखती थी। रोहन की सादगी और ईमानदारी उसे बहुत पसंद आई।
धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती बढ़ी। एक दिन प्रिया ने रोहन से अपने प्यार का इजहार कर दिया। रोहन भी प्रिया को पसंद करता था, मगर गरीबी के चलते कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया था। जब प्रिया ने प्यार का इजहार किया, तो वह भी मान गया।
प्यार में आई मुश्किलें
प्रिया के पिता के दोस्त का एक लड़का भी उसी कॉलेज में पढ़ता था। वह प्रिया पर गलत नजर रखता था। जब उसे पता चला कि प्रिया रोहन से प्यार करती है, तो उसने अपने पिता के जरिए प्रिया के पिता को यह बात बता दी। प्रिया के पिता को जब यह पता चला, तो वह गुस्से में आग-बबूला हो गया। मगर फिर सोचने लगा कि आजकल के माहौल में ज्यादा सख्ती ठीक नहीं।
उसने प्रिया से बातचीत में पूछा, “क्या तुम किसी लड़के से प्यार करती हो?” प्रिया ने सच-सच बता दिया – “हां पिताजी, रोहन नाम का लड़का है, हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। लेकिन वह गरीब है।” पिता मुस्कुराया – “अगर ऐसा है तो उसे घर बुलाओ, शादी की बात करेंगे।”
प्रिया को विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि उसके पिता पैसों का घमंड करते थे। मगर उन्होंने खुद बुलाया, तो वह खुश हो गई। अगले दिन रोहन तैयार होकर प्रिया के घर पहुंचा। प्रिया के पिता ने प्रिया को पैसे देकर बाहर भेज दिया और रोहन की बुरी तरह बेइज्जती करने लगे – “मेरी बेटी को फंसा लिया, मजबूर होकर शादी करा दूंगा, गरीबों का यही काम है।”
रोहन ने सफाई दी, मगर प्रिया के पिता ने शर्त रख दी – “अगर तुम सच में सच्चे हो, तो मेरी बेटी से बात मत करना। जब वह आए, तो उसे मना कर देना। तभी मानूंगा कि तुम लालची नहीं हो।” रोहन टूट गया, लेकिन शर्त मान ली। प्रिया आई, तो रोहन ने उसे कह दिया – “मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता, आज के बाद मुझसे बात मत करना।”
प्रिया हैरान रह गई। रोहन बिना कुछ बोले वहां से चला गया। प्रिया कई बार रोहन से संपर्क करने की कोशिश करती रही, मगर रोहन गायब हो गया। उसने कॉलेज छोड़ दिया, अपना एड्रेस किसी को नहीं बताया। वह अपने कमरे में बंद होकर बुरे-बुरे ख्यालों में डूब गया, मगर माता-पिता की याद आई, तो खुद को संभाल लिया। उसने ठान लिया – अब मेहनत करूँगा, गरीबी को हराकर दिखाऊंगा।
रोहन की मेहनत और सफलता
रोहन ने मुंबई के दूसरे इलाके में जाकर दिन-रात मेहनत की। छोटे-छोटे काम किए, धीरे-धीरे पैसे इकट्ठा किए। फिर खुद का छोटा सा रोजगार शुरू किया। उसकी मेहनत रंग लाई – कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगा। कुछ ही सालों में उसने अपनी कंपनी बना ली और करोड़पति बन गया।
प्रिया की शादी और दुख
उधर, प्रिया के पिता के दोस्त ने अपने बेटे के लिए रिश्ता भेजा। वही लड़का जिसने रोहन के बारे में घर तक खबर पहुंचाई थी। प्रिया चाहकर भी मना नहीं कर पाई, शादी हो गई। शादी के बाद प्रिया की जिंदगी नरक बन गई – उसका पति शराबी था, लड़कियों के साथ अवैध संबंध रखता था। प्रिया के पिता ने समझाया, “बेटी, बड़े लोगों में ये सब चलता है।” मगर प्रिया परेशान रहने लगी।
एक दिन उसका पति शराब के नशे में एक्सीडेंट में मर गया। देवर ने प्रिया को घर से निकाल दिया। मजबूर होकर प्रिया पिता के घर लौट आई। पिता ने दोस्त से मदद मांगी, मगर दोस्त ने भी साथ छोड़ दिया – “दूसरी शादी करा दो, प्रॉपर्टी में हिस्सा मत देना।”
प्रिया ने दूसरी शादी से साफ इनकार कर दिया – “एक बार शादी की, अब नहीं करूंगी।” वह पास के मंदिर में जाकर भगवान से अपनी किस्मत की शिकायत करने लगी।
फिर हुई मुलाकात – मंदिर में
इधर, रोहन अपने नए बंगले में शिफ्ट हो चुका था। एक दिन कंपनी जाते समय मंदिर में पूजा करने गया। वहीं प्रिया भी मंदिर में थी। सीढ़ियों पर दोनों की नजरें मिलीं – पुरानी सारी बातें याद आ गईं, दोनों की आंखों में आंसू आ गए।
रोहन ने प्रिया को आवाज दी, दोनों पास आए, एक-दूसरे के आंसू पोंछे। बातें की, हाल-चाल पूछा। पता चला – रोहन ने शादी नहीं की थी, प्रिया भी विधवा होकर अकेली थी।
रोहन बोला – “मैं शादी नहीं करूंगा, क्योंकि मुझे सिर्फ तुमसे प्यार था।” प्रिया बोली – “अब मैं तुम्हारे लायक नहीं, विधवा हूं, अपवित्र हूं।” रोहन ने कहा – “मुझे फर्क नहीं पड़ता। जब तुमने मुझसे प्यार किया, मैं गरीब था। आज अगर तुम्हें अपनाने से मना करूं, तो अपने प्यार से बेईमानी होगी।”
रोहन ने प्रिया से शादी का प्रस्ताव रखा। प्रिया ने रोते हुए हामी भर दी।
अंतिम मिलन और शादी
दोनों प्रिया के पिता के पास गए। रोहन ने कहा – “अब मैं करोड़पति हूं, क्या आप अपनी बेटी की शादी मुझसे कर सकते हैं?” प्रिया के पिता ने हाथ जोड़कर माफी मांगी – “मैंने बहुत बड़ी गलती की, दो प्यार करने वालों को अलग किया। अगर अब मेरी बेटी को अपना लोगे, तो एहसान होगा।”
प्रिया ने भी पिता से शिकायत की – “आपने रोहन को बहुत जलील किया था।” पिता ने माफी मांगी – “बेटी, जो हो गया, उसे भूल जाओ। अब तुम दोनों शादी कर लो।”
रोहन ने अपने घरवालों से बात की, सब राजी हो गए। धूमधाम से शादी हुई। प्रिया दुल्हन बनकर रोहन के घर आई। दोनों ने खुशहाल जिंदगी शुरू की।
सीख:
प्यार सच्चा हो तो हालात बदल सकते हैं। गरीबी, मजबूरी, समाज – सब हार जाते हैं, सच्चे दिल की मोहब्बत जीत जाती है।
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मिलते हैं अगले वीडियो में, तब तक जय हिंद!
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