नमस्ते गर्ल – अनन्या सिंह की प्रेरणादायक कहानी
बिहार के एक छोटे से कस्बे में जन्मी अनन्या सिंह बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थी। उसके पिता एक सरकारी स्कूल के शिक्षक थे और मां गृहिणी। घर में साधारण सुविधाएं थीं, लेकिन माता-पिता ने बेटी को हमेशा बड़े सपने देखने और उन्हें मेहनत से पूरा करने की प्रेरणा दी।
अनन्या के संस्कार बचपन से ही अलग थे। वह हर किसी से हाथ जोड़कर नमस्ते करती – चाहे घर में मेहमान आए, पड़ोस की आंटी मिले या स्कूल की प्रिंसिपल। उसकी पहचान उसकी नम्रता और भारतीय संस्कृति थी।
अनन्या ने इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया। जब उसे अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से इंटरव्यू के लिए कॉल आया, तो पूरा परिवार गर्व से भर उठा। गांव वाले भी कहते, “देखो मास्टर जी की बेटी अब अमेरिका जाएगी।”
लेकिन अनन्या थोड़ी घबराई हुई थी। वहां का कल्चर अलग था – सब हाथ मिलाते हैं, गले लगते हैं। अनन्या को चिंता थी कि वह कैसे एडजस्ट करेगी। पिता ने उसे समझाया, “बेटी, संस्कार कभी मत छोड़ना। अपनी पहचान मत खोना।”
इन्हीं शब्दों को दिल में लेकर अनन्या अमेरिका पहुंची। पहली बार न्यूयॉर्क की ऊँची-ऊँची इमारतें देखीं, चौड़ी सड़कों पर दौड़ती गाड़ियाँ और हर तरफ तेज़ रफ्तार। कंपनी का मुख्यालय मैनहटन में था। इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। कमरे में पाँच लोग बैठे थे – तीन अमेरिकी मैनेजर और दो सीनियर इंजीनियर।
पहले इंटरव्यूअर ने हाथ बढ़ाया और कहा, “Hello, nice to meet you!”
अनन्या ने एक पल सोचा, क्या मुझे हाथ मिलाना चाहिए? लेकिन पापा की बात याद आई। उसने हल्की मुस्कान के साथ दोनों हाथ जोड़ लिए और बोली, “नमस्ते।”
कमरे में पल भर की खामोशी छा गई। सभी इंटरव्यूअर एक-दूसरे को देखने लगे। एक अमेरिकी महिला मैनेजर बोली, “That’s different! What does it mean?”
अनन्या ने आत्मविश्वास से जवाब दिया, “नमस्ते इंडियन वे ऑफ़ ग्रीटिंग है। इसका मतलब है – मैं आपके अंदर के दिव्य को नमन करती हूँ। यह सिर्फ हेलो नहीं, सम्मान है।”
कमरे का माहौल बदल गया। इंटरव्यू शुरू हुआ – सवाल कठिन थे, लेकिन अनन्या ने धैर्य और आत्मविश्वास से उत्तर दिए। जाते समय फिर से उसने हाथ जोड़कर कहा, “नमस्ते, थैंक यू फॉर दिस अपॉर्चुनिटी।”
इंटरव्यू के बाद बोर्डरूम में चर्चा हुई – “She is technically strong, but did you notice her greeting?”
“Yes, it was unique. She brought her culture here.”
“And she explained it beautifully. That shows confidence and authenticity.”
अगले ही हफ्ते अनन्या को ईमेल आया – “Congratulations, you are selected as Software Engineer at TechGlobal Inc.”
उसके चेहरे पर खुशी और आँखों में आँसू थे। उसने मन ही मन सोचा – “नमस्ते ने मुझे नौकरी दिलाई।”
धीरे-धीरे कंपनी में सब उसे “नमस्ते गर्ल” के नाम से पहचानने लगे। मीटिंग्स में जब लोग हाथ मिलाते, कई मैनेजर मज़ाक में अपने हाथ पीछे कर लेते और कहते, “Let’s do the Namaste!” अनन्या की पहचान उसकी काबिलियत के साथ-साथ उसके संस्कार और भारतीयता से भी बनने लगी।
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