“इतिहास की अनसुनी दास्तां: कैसे IPS पूजा शर्मा ने भ्रष्टाचार को बेनकाब किया!”

“आईपीएस पूजा शर्मा: हिम्मत, हौसले और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की कहानी”

दिन के करीब 10 बजे थे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। उसी सन्नाटे को चीरते हुए लाल सलवार सूट और पीले दुपट्टे में एक जवान, आत्मविश्वास से भरी लड़की सड़क किनारे चल रही थी। यह कोई आम लड़की नहीं थी, बल्कि वह थी आईपीएस ऑफिसर पूजा शर्मा। पूजा अपनी बीमार मां के लिए दवा लेने डॉक्टर के घर जा रही थी। उसकी चाल में आत्मविश्वास था, लेकिन चेहरे पर मां की तबीयत की चिंता साफ झलक रही थी।

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सड़क के मोड़ पर उसकी नजर कुछ पुलिस वालों पर पड़ी। वहां तीन-चार हवलदार और थाने का इंस्पेक्टर मल्होत्रा बैठे हुए थे। वे नशे में चूर थे। जैसे ही मल्होत्रा की नजर पूजा पर पड़ी, उसकी आंखें चमक उठीं। उसने बेहूदा बातें करनी शुरू कर दीं। पूजा ने जब यह सब देखा, तो वह ठिठक गई। उसने सख्त लहजे में उन्हें फटकार लगाई, “तुम लोग पुलिस होकर ऐसी हरकतें कर रहे हो? खुलेआम शराब पी रहे हो और कानून तोड़ रहे हो।”

लेकिन मल्होत्रा पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उसने पूजा पर बेहूदा टिप्पणी की और उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की। पूजा का गुस्सा उबल पड़ा। उसने मल्होत्रा को जोरदार थप्पड़ मारा। लेकिन मल्होत्रा ने पलटवार करते हुए पूजा को घायल कर दिया। पूजा ने खुद को संभाला और वहां से निकल गई।

पूजा ने तय किया कि वह इस मामले को यहीं खत्म नहीं होने देगी। उसने अपने बचपन की दोस्त रेशमा की मदद ली और मल्होत्रा और उसके हवलदारों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना शुरू किया। उसने गुप्त रूप से वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग की, जिसमें उनके अपराधों को कैद किया गया।

पूजा ने इन सबूतों को डीएसपी और एसपी तक पहुंचाया। उन्होंने पूजा की बहादुरी की सराहना की और मामले को डीएम तक ले गए। डीएम श्रुति वर्मा ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। पूरे शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जहां पूजा ने मल्होत्रा और उसके साथियों के खिलाफ सबूत पेश किए।

मल्होत्रा और उसके हवलदारों को तुरंत निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पूजा की बहादुरी ने न सिर्फ थाने को सुधारा, बल्कि पूरे शहर में बदलाव लाया।

यह कहानी बताती है कि जब एक महिला अपने हौसले और दृढ़ता के साथ खड़ी होती है, तो वह भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ बड़ी लड़ाई जीत सकती है। पूजा शर्मा ने साबित कर दिया कि कानून से बड़ा कोई नहीं।