एक छोटे बच्चे ने कोर्ट में लाया सबूत, पिता को मिली न्याय!

दिल्ली की अदालत में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। आरोपी विकास गुप्ता को बिजनेसमैन राजेश मल्होत्रा की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई जा रही थी। सबूत इतने ठोस थे कि बचाव पक्ष का वकील भी हार मान चुका था। विकास का फिंगरप्रिंट मर्डर वेपन पर था, सीसीटीवी फुटेज में उसे मृतक के घर जाते हुए देखा गया था, और उसके डीएनए मर्डर सीन पर मिला था।

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लेकिन तभी, कोर्ट में एक 5 साल का बच्चा अर्जुन, अपने हाथ में एक पुराना खिलौना रोबोट लेकर आया। उसकी मासूम आवाज में दर्द और आंखों में आंसू थे। उसने जज साहब से कहा, “मेरे पापा बेकसूर हैं। यह रोबोट अंकल मल्होत्रा का है। उन्होंने मुझे दिया था। इसमें कैमरा है।”

जज विनोद शर्मा, जिन्होंने 25 साल की सेवा में हजारों केस देखे थे, पहली बार कुछ ऐसा देख रहे थे जो उनकी समझ को हिला देने वाला था। उन्होंने तुरंत आदेश दिया कि रोबोट को फॉरेंसिक लैब भेजा जाए।

रोबोट में छुपा राज

फॉरेंसिक लैब में जांच शुरू हुई। पता चला कि रोबोट में हाई डेफिनेशन कैमरा और मोशन सेंसर है, जो किसी भी मूवमेंट को रिकॉर्ड करता है। लेकिन इसकी मेमोरी करप्ट हो चुकी थी। जब डेटा रिकवर हुआ, तो उसमें मर्डर के समय की रिकॉर्डिंग मिली।

रिकॉर्डिंग में दिखा कि एक व्यक्ति ब्लैक मास्क पहने हुए राजेश मल्होत्रा के घर में घुसा और उस पर हमला किया। फाइट के दौरान किलर का मास्क थोड़ा हट गया, जिससे उसके हाथ पर एक टैटू दिखा—ड्रैगन का टैटू।

सच की जीत

लेकिन अर्जुन ने कोर्ट में कहा, “मेरे पापा के हाथ पर ड्रैगन टैटू नहीं है। उनके हाथ पर तो बटरफ्लाई का टैटू है।” जब विकास ने अपना हाथ दिखाया, तो उसमें बटरफ्लाई टैटू था।

इसके बाद जांच में पता चला कि रिकॉर्डिंग को मैनिपुलेट किया गया था। असली टैटू बटरफ्लाई था, जिसे डिजिटल रूप से ड्रैगन में बदला गया था।

साजिश का खुलासा

सीबीआई जांच में पता चला कि राजेश मल्होत्रा के बिजनेस राइवल ने एडवोकेट शर्मा को हायर किया था। उन्होंने एक प्रोफेशनल किलर को भेजा और रिकॉर्डिंग को मैनिपुलेट करके विकास को फंसाने की कोशिश की।

न्याय का पल

जज ने विकास गुप्ता को सभी आरोपों से बरी कर दिया और कहा, “ट्रुथ हमेशा जीतता है।” कोर्ट से बाहर निकलते समय विकास ने अपने बेटे अर्जुन को गले लगाते हुए कहा, “तूने अपने पापा को बचा लिया। तू मेरा हीरो है।”

यह कहानी हमें सिखाती है कि सच की ताकत सबसे बड़ी होती है। चाहे कितनी भी मुश्किलें हों, अंत में सत्य की जीत होती है।