शुरुआत: स्कूल में अजीब घटना

डीएसपी सीमा वर्मा स्कूल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। भाषण के बाद एक 10 साल का बच्चा अर्जुन आया और बोला—“तुम मेरी पत्नी हो!”
सब हैरान, सीमा भी चौंकी। अर्जुन ने आत्मविश्वास से कहा—“मैं अपने पिछले जन्म को याद कर सकता हूं, तुम मेरी पत्नी सुमित्रा थी।”
अर्जुन ने नीली साड़ी, आम का पेड़, खीर, नाव, बाढ़ जैसी पुरानी बातें बताईं।
सीमा को ये बातें अजीब तरह से जानी-पहचानी लगीं।

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सच्चाई की खोज

अर्जुन ने एक पुराना कड़ा सीमा को दिया और बताया कि इसे उनके पुराने घर के आंगन में पीपल के पेड़ के पास गाड़ा था।
सीमा, अर्जुन और कांस्टेबल यादव गांव पहुंचे। वहां सच में वह पुराना कड़ा और चूड़ी मिली।
अर्जुन ने और भी बातें बताईं—बाढ़, नाव, मुखिया का बेटा, गांव की साजिश।
यादव ने सरकारी रिकॉर्ड निकाले—गांव सचमुच 30 साल पहले अचानक आई बाढ़ में डूब गया था और कुछ लोगों ने दावा किया था कि पानी जानबूझकर छोड़ा गया।

रहस्य और प्रताप सिंह

अर्जुन ने बताया—मुखिया का बेटा प्रताप सिंह ने गांव को बर्बाद किया था।
सीमा, अर्जुन और यादव प्रताप सिंह की हवेली पहुंचे।
प्रताप सिंह ने स्वीकार किया कि उसने गांव को खत्म करने की साजिश रची थी, सिर्फ प्रेमियों को अलग करने के लिए नहीं, बल्कि गांव के नीचे छुपे खजाने के लिए।
अर्जुन ने कहा—“हम दोनों ने पिछले जन्म में वह खजाना छुपाया था।”

खजाने की खोज और सच्चाई का उजागर होना

अर्जुन, सीमा और टीम ने गांव में खुदाई की।
पुराना लकड़ी का बक्सा मिला—सोने-चांदी की मूर्तियां, दुर्लभ रत्न, और दस्तावेज जो साबित करते थे कि गांव की संपत्ति असली निवासियों की थी।
प्रताप सिंह गिरफ्तार हुआ।
सीमा को अर्जुन के पिछले जन्म की बातें याद आने लगीं—बाढ़, विदाई, वादा।

अधूरी कहानी का पूरा होना

अर्जुन ने बताया—एक पत्र भी छुपाया गया था।
गांव में फिर खुदाई हुई, वह पत्र मिला—
“प्रिय अर्जुन, अगर तुम यह पत्र पढ़ रहे हो, तो शायद हम इस जन्म में साथ नहीं रह पाए, लेकिन मैं जानती हूं कि हम फिर मिलेंगे…”
सीमा और अर्जुन भावुक हो गए, पत्र ने उनकी अधूरी कहानी को पूरा कर दिया।

नई शुरुआत

खजाने से मिली संपत्ति से गांव का पुनर्निर्माण हुआ।
सीमा और अर्जुन ने साथ मिलकर गांव को फिर से बसाया, जैसे अपनी टूटी यादों को जोड़ रहे हों।
पुराने पीपल के पेड़ के नीचे दोनों ने वादा किया—“अब यह जन्म हमारा है, इसे अधूरा नहीं छोड़ेंगे।”

सीख और संदेश

पुनर्जन्म, प्रेम और न्याय की यह कहानी दिखाती है कि सच्चा प्यार और सच्चाई कभी हारती नहीं।
अतीत की अधूरी कहानी, वर्तमान में पूरी हुई।
सच्चाई की खोज, साहस और प्रेम ही असली खजाना हैं।

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धन्यवाद, जय हिंद!