“सच्चाई की तलाश: रीना की आंखों से देखी गई मां-बाप की कहानी”

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में एक आम सा परिवार था—रमेश, उसकी पत्नी कौशल्या और 18 साल की बेटी रीना। सब कुछ सामान्य था, लेकिन रीना की नजरों में रोज एक सवाल उठता था। हर सुबह जब वह उठती, तो देखती कि उसकी मां पापा के कमरे से निकलती है, बाल बिखरे हुए, चेहरा थका-सा और चलने में परेशानी। यह रोज का सिलसिला था, जिससे रीना परेशान रहती थी।

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रीना की मां कौशल्या अक्सर रीना के साथ ही सोती थी, लेकिन रात को 11 बजे रमेश अपनी पत्नी को अपने कमरे में बुलाता। कौशल्या बहाने बनाती, लेकिन रमेश जबरदस्ती उन्हें अपने कमरे में ले जाता। अगली सुबह मां की हालत फिर वही—थकी, परेशान और लड़खड़ाती चाल। रीना ने कई बार मां से पूछा, “मां, पापा तुम्हारे साथ ऐसा क्या करते हैं?” लेकिन मां टाल देती, “तुम्हें जानने की जरूरत नहीं है, अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाओ।”

रीना ने यह बात अपनी सहेलियों को बताई। सहेलियों ने मजाक में कहा, “शादी के बाद तुम्हें भी ऐसे ही चलना पड़ेगा!” लेकिन रीना को बात समझ नहीं आई।
एक दिन घर में उसकी मां के पुराने दोस्त, जो अब दुबई में रहते थे, मिलने आए। मां उनसे बहुत खुश थी, हंस रही थी, बातें कर रही थी। रीना को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन मां ने समझाया कि वह पुराने दोस्त हैं। रीना की मां ने उसे समझाया कि इस बारे में पापा को मत बताना, वरना झगड़ा होगा।

रात को फिर वही सिलसिला—पापा मां को बुलाते, मां बहाना बनाती, लेकिन आखिर में पापा जबरदस्ती अपने कमरे में ले जाते। रीना ने एक दिन ठान लिया कि वह सच्चाई पता लगाएगी। उसने मां के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं ताकि मां गहरी नींद में रहे और खुद पापा के कमरे में जाकर सो गई।
रमेश ने रीना को मां समझकर उसके पास बैठा, प्यार से बातें कीं और कहा, “मैं तो तुम्हें बहुत चाहता हूं, फिर भी तुम मुझसे नाराज क्यों रहती हो?” रीना को महसूस हुआ कि उसके पिता वैसे नहीं हैं, जैसा उसकी मां और सहेलियां बताती हैं।

अगले दिन रीना ने देखा कि मां और दुबई वाले अंकल घर में अकेले थे और बहुत नजदीकी बातें कर रहे थे। रीना को शक हुआ, उसने छुपकर सुन लिया कि दोनों शादी की बातें कर रहे हैं और मां अपनी बेटी के मन में पिता के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रही है।
रीना ने मां को पकड़ लिया और सब सच सामने आ गया। मां ने अपनी प्रेम कहानी सुनाई, बताया कि शादी से पहले वह दुबई वाले अंकल से प्यार करती थी, लेकिन हालातों के कारण रमेश से शादी करनी पड़ी। अब भी वह अपने पुराने प्यार को भूल नहीं पाई।

रीना ने साफ कहा, “मां, अगर आपको उनसे शादी करनी थी तो पहले ही कर लेतीं। अब पापा का जीवन क्यों बर्बाद कर रही हैं?”
मां ने हाथ जोड़कर माफी मांगी। शाम को रमेश घर आया, रीना ने सब बता दिया। रमेश ने कहा, “मुझे सब पता है, लेकिन मैंने हमेशा माफ किया ताकि परिवार में झगड़ा न हो। अब दोबारा ऐसा मत करना।”

मां ने फिर माफी मांगी और वादा किया कि अब वह अपने पति और बेटी के साथ ही रहेंगी।
परिवार में फिर खुशहाली लौट आई।

सीख:
कभी भी अपने रिश्तों में झूठ और छुपाव मत रखिए। सच्चाई देर-सबेर सामने आ ही जाती है। परिवार में भरोसा और संवाद सबसे जरूरी है।

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धन्यवाद। जय हिंद।

(नोट: यह कहानी संवेदनशील विषयों को छूती है, इसलिए इसे जिम्मेदारी से प्रस्तुत करें और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं है।)