हेमा मालिनी की मुसीबत बढ़ गई 😥 Hema Malini को संपति क्यों नहीं मिलेगी ? Deol Family Property Fight !

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धर्मेंद्र की संपत्ति पर देओल परिवार में जंग: क्या हेमा मालिनी को विरासत से बाहर कर दिया गया?

बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित और रहस्यमय परिवारों में से एक, देओल खानदान, इन दिनों अपनी अरबों की संपत्ति और टूटते रिश्तों को लेकर चर्चा में है। धर्मेंद्र के निधन के बाद उनके परिवार में संपत्ति के बंटवारे को लेकर खुली जंग छिड़ गई है, जिसमें उनके दोनों परिवारों—प्रकाश कौर और हेमा मालिनी—के बीच गहरे तनाव की खबरें सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं इस विवाद की पूरी कहानी, कानूनी पहलू और भावनात्मक मोड़।

धर्मेंद्र का परिवार: दो हिस्सों की कहानी

धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर से चार बच्चे हैं—सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता और विजेता। दूसरी ओर, हेमा मालिनी के साथ उनकी दो बेटियां हैं—ईशा और अहाना। वर्षों तक धर्मेंद्र ने दोनों परिवारों को संतुलन के साथ संभाला, लेकिन उनके निधन के बाद ये संतुलन बिगड़ गया है। परिवार के अंदर छुपे हुए तनाव और नाराजगी अब खुलकर सामने आ गए हैं।

क्या हेमा मालिनी को संपत्ति नहीं मिलेगी?

धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या हेमा मालिनी को उनकी संपत्ति में हिस्सा मिलेगा या नहीं। सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सनी और बॉबी देओल ने अपनी सौतेली मां हेमा मालिनी को पिता की विरासत से पूरी तरह बेदखल कर दिया है। लेकिन सच क्या है?

कानूनी पहलू: हिंदू मैरिज एक्ट का सच

कानून के अनुसार, धर्मेंद्र की पहली शादी प्रकाश कौर से पूरी तरह वैध थी। लेकिन उनकी दूसरी शादी हेमा मालिनी से हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्य नहीं मानी जाती, क्योंकि धर्मेंद्र ने प्रकाश कौर से तलाक नहीं लिया था। इसी वजह से हेमा मालिनी को धर्मेंद्र की संपत्ति में कानूनी तौर पर कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। हालांकि, उनके दोनों बच्चे—ईशा और अहाना—धर्मेंद्र की संतान के रूप में पूरी तरह वैध हैं और उन्हें संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलेगा।

संपत्ति का बंटवारा: सात हिस्सों में बंटेगी विरासत

धर्मेंद्र की संपत्ति—मुंबई, लोनावला और लंदन में फैली हजारों करोड़ की जायदाद—अब सात हिस्सों में बंटेगी। इसमें उनके छह बच्चे—सनी, बॉबी, अजीता, विजेता, ईशा और अहाना—और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं। एक विश्वसनीय सूत्र के मुताबिक, सनी देओल ने यह साफ किया है कि उनकी बहनों ईशा और अहाना को उनका पूरा हक मिलेगा। सनी नहीं चाहते कि उनकी सौतेली बहनों को किसी भी तरह से संपत्ति से वंचित किया जाए।

यह फैसला धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा का सम्मान करता है, जो हमेशा अपने सभी बच्चों को बराबर का हक देना चाहते थे। न्यूज़ पेपर फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, विरासत को लेकर चल रही कहानियां पूरी तरह निराधार हैं। परिवार में कोई गरीबी या झगड़ा नहीं है, और संपत्ति का बंटवारा शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।

धर्मेंद्र की दोनों पत्नियों का आमना-सामना

धर्मेंद्र के निधन के बाद पहली बार उनकी दोनों पत्नियां—हेमा मालिनी और प्रकाश कौर—एक साथ नजर आईं। यह पल परिवार के लिए बेहद भावुक था। हेमा मालिनी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह प्रकाश कौर से कभी नहीं मिलीं और न ही मिलना चाहती हैं। लेकिन धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार में दोनों का आमना-सामना हुआ, जिसने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी।

धर्मेंद्र ने हमेशा दोनों परिवारों को सम्मान और बराबरी के साथ संभाला था, लेकिन उनके जाने के बाद परिवार में दरारें और गहरी हो गई हैं। शोक सभा भी दो हिस्सों में रखी गई थी, जिससे यह साफ हो गया कि परिवार अभी भी बंटा हुआ है।

ईशा देओल की भावनात्मक मांग

जहां एक ओर संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है, वहीं दूसरी ओर ईशा देओल ने अपनी भावनाओं से सबका दिल जीत लिया। ईशा ने बयान जारी किया है कि उन्हें अपने पिता की संपत्ति से कुछ भी नहीं चाहिए। अगर कोई उन्हें कुछ देना चाहता है, तो वह धर्मेंद्र साहब की पुरानी प्यारी गाड़ी दे दे, जिससे धर्मेंद्र बेहद प्यार करते थे। ईशा का यह कदम संपत्ति से ज्यादा सम्मान और पिता के साथ बिताए भावनात्मक पलों की मांग को दर्शाता है।

पैतृक संपत्ति का सच

धर्मेंद्र का दिल उनके पैतृक गांव डांगों में भी बसा था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, वहां उनकी करीब 3 एकड़ पुश्तैनी जमीन थी, जिसकी आज करोड़ों की कीमत है। धर्मेंद्र ने अपने पिता से किए वादे को निभाते हुए यह जमीन अपने चाचा के बच्चों के नाम कर दी थी। आज उनके भतीजे बूटा सिंह ही इस संपत्ति की देखभाल कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर बहस और जनता की राय

धर्मेंद्र की संपत्ति को लेकर चल रहे इस विवाद ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या हेमा मालिनी को भी संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए? परिवार ने अब तक इस बंटवारे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे अटकलें और बढ़ गई हैं। फैंस धर्मेंद्र की महान विरासत और परिवार की टूटती स्थिति को लेकर चिंतित हैं।

अंतिम संस्कार और परिवार की चुप्पी

धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार रातोंरात, बिना किसी को खबर दिए किया गया। न कोई राजकीय सम्मान, न अंतिम दर्शन। शोक सभा भी दो हिस्सों में रखी गई थी। ऐसे में आम जनता को धर्मेंद्र के लिए अपने आंसू पोंछने के लिए नकली एआई जनरेटेड वीडियो का सहारा लेना पड़ा। क्या यह उस महान सितारे का सम्मान था जिसके लिए देश जीता था?

क्या परिवार में कभी सुलह होगी?

धर्मेंद्र के निधन के बाद परिवार में आई दरारें क्या कभी भर पाएंगी? क्या हेमा मालिनी और उनके बच्चे देओल परिवार के आयोजनों में शामिल होंगे? क्या संपत्ति का बंटवारा शांतिपूर्ण तरीके से होगा? इन सवालों के जवाब तो समय ही देगा, लेकिन फिलहाल परिवार में गहरे तनाव और भावनात्मक जख्म साफ नजर आ रहे हैं।

निष्कर्ष

देओल परिवार की संपत्ति और रिश्तों की यह कहानी सिर्फ एक फिल्मी ड्रामा नहीं है, बल्कि यह उस घराने की सच्चाई है जहां सभी किरदार अंदरूनी तौर पर अलग हैं। एक तरफ है सनी देओल का परिवार, जो एकजुट है, तो दूसरी ओर हेमा मालिनी और उनकी बेटियां, जो अब अपने हक के लिए खड़ी हो गई हैं। धर्मेंद्र ने अपने जीवन में इन दरारों को दबाकर रखा, लेकिन उनके जाने के बाद परिवार में भूचाल आ गया है।

कानूनी तौर पर हेमा मालिनी को धर्मेंद्र की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा, लेकिन उनके दोनों बच्चों को बराबर का हक मिलेगा। सनी देओल ने भी साफ कर दिया है कि ईशा और अहाना को उनका पूरा हिस्सा मिलेगा। ईशा देओल ने संपत्ति ठुकराकर अपने पिता की यादों को चुना है, जो इस कहानी का सबसे भावुक पहलू है।

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