Dharmendra Property Mistry | धर्मेंद्र की वसीयत की सच्चाई जानकर हैरान हो जाएंगे आप

धर्मेंद्र की वसीहत: प्यार और एकता का प्रतीक

प्रारंभ

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन 24 नवंबर 2025 को हुआ, जिसने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे फिल्म उद्योग को गहरे सदमे में डाल दिया। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा, लेकिन उनके जाने के बाद जो एक महत्वपूर्ण घटना घटी, वह थी उनकी वसीहत का खुलासा। यह वसीहत केवल संपत्ति के बंटवारे का दस्तावेज नहीं थी, बल्कि यह एक प्रेम पत्र की तरह थी, जिसने परिवार के सभी सदस्यों को एकजुट कर दिया।

धर्मेंद्र का जीवन और करियर

धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को लुधियाना के एक छोटे से गांव में हुआ। वह एक किसान परिवार से थे, लेकिन सिनेमा ने उन्हें एक सितारे में बदल दिया। उन्होंने अपने 65 साल के करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनकी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने परिवार को प्राथमिकता दी।

धर्मेंद्र की पहली शादी प्रकाश कौर से हुई, जिससे उनके चार बच्चे हुए: सनी, बॉबी, अजीता, और विजेता। बाद में, उन्होंने प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी से शादी की, जिनसे उनकी दो बेटियां हैं: ईशा और अहाना। धर्मेंद्र ने हमेशा अपने दोनों परिवारों के बीच भेदभाव नहीं किया और यही उनके व्यक्तित्व की सबसे खास बात थी।

वसीहत का खुलासा

धर्मेंद्र की वसीहत का खुलासा उस समय हुआ जब उनके परिवार के सदस्य एकत्रित हुए। एक सीलबंद लिफाफा सामने आया, जिस पर लिखा था “मेरे जाने के बाद ही खोलना।” जब सनी देओल ने लिफाफा खोला, तो पहले शब्द ने कमरे में सन्नाटा फैला दिया। धर्मेंद्र ने लिखा था कि उनकी संपत्ति का आधा हिस्सा प्रकाश कौर और उनके चार बच्चों को मिलेगा।

यह पढ़ते ही प्रकाश कौर की आंखों में आंसू आ गए। यह उनके लिए वर्षों का इंतजार खत्म होने जैसा था। सनी और बॉबी ने जो दर्द महसूस किया था, वह एक लाइन में मिट गया। लेकिन जब उन्होंने अगले वाक्य को पढ़ा, तो माहौल पलट गया। धर्मेंद्र ने लिखा कि बाकी आधी संपत्ति हेमा मालिनी, ईशा, और अहाना को मिलेगी।

संपत्ति का बंटवारा

धर्मेंद्र की वसीहत में स्पष्ट किया गया कि जूहू का बंगला, लोनावाला का फार्महाउस, और अन्य संपत्तियां सभी बच्चों में बराबर बांटी जाएंगी। उन्होंने लिखा कि यह घर रिश्तों का प्रतीक है और कभी भी विवाद नहीं करना। यह संदेश स्पष्ट था: “हम एक परिवार हैं।”

संपत्ति का बंटवारा 335 से 450 करोड़ रुपये की संपत्ति का था। धर्मेंद्र ने हमेशा कहा कि वह नहीं चाहते थे कि उनके जाने के बाद परिवार में झगड़े हों। उन्होंने अपने जीवन में जो प्यार और एकता का संदेश दिया, वही उनकी वसीहत में भी झलका।

परिवार की प्रतिक्रिया

जब वसीहत का खुलासा हुआ, तो सभी सदस्यों की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह आंसू खुशी के थे। हेमा मालिनी ने फुसफुसाते हुए कहा, “आपने हमें सम्मान दिया है।” ईशा और अहाना ने अपनी मां का हाथ थाम लिया, जबकि सनी ने कहा, “पापा ने सही कहा, हम एक हैं।”

इस पल ने परिवार को एकजुट किया। प्रकाश कौर ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह उनके लिए एक नई शुरुआत है। धर्मेंद्र की दूरदर्शिता ने यह सुनिश्चित किया कि उनके जाने के बाद परिवार में कोई दरार न आए।

धर्मेंद्र का संदेश

धर्मेंद्र ने हमेशा अपने बच्चों को सिखाया कि सबसे बड़ी पूंजी रिश्ते होते हैं। उन्होंने अपनी वसीहत में यह संदेश दिया कि पैसा टूटेगा, लेकिन रिश्ते नहीं। यह कहानी केवल संपत्ति की नहीं, बल्कि प्यार और एकता की थी।

धर्मेंद्र के निधन के बाद, पूरे फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी यादें, उनकी फिल्में, और उनका परिवार हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र की वसीहत ने यह साबित कर दिया कि प्यार और एकता हमेशा धन से ऊपर होते हैं। उनके जीवन की यह कहानी हमें सिखाती है कि परिवार की खुशियों के लिए हमें हमेशा एकजुट रहना चाहिए।

इस कठिन समय में, यह जरूरी है कि परिवार एकजुट रहे और धर्मेंद्र की इच्छाओं का सम्मान करें। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में रिश्तों की अहमियत क्या होती है।

धर्मेंद्र, आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। आपकी यादें और आपकी विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।

Play video :